बृजेश्वरी माता नगरकोट

हिमाचल प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध ब्रजेश्वरी मंदिर हुआ करता था कभी तंत्र विद्या का सबसे बड़ा केंद्र। आइए जानते हैं इस मंदिर की पूरी कहानी

बृजेश्वरी माता का मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिले के नगरकोट में स्थित है। यह कांगड़ा जिले के नजदीकी रेलवे स्टेशन से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ब्रजेश्वरी मंदिर को अनेक नामों से जाना जाता है जैसे ब्रजेश्वरी देवी मंदिर, कांगड़ा देवी मंदिर, नगरकोट देवी मंदिर या नगरकोट वाली माता के नाम से भी जाना जाता है।

बृजेश्वरी माता मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। जब भगवान विष्णु ने देवी सती के शरीर को 51 भागों में बांट दिया था तब जिस भी स्थान पर देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे वह एक पवित्र शक्तिपीठ बन गया था। माना जाता है बृजेश्वरी माता मंदिर में देवी सती के शरीर का दाहिना वक्ष गिरा था और तब यह एक पवित्र शक्तिपीठ बन गया। माना जाता है कि किसी समय में ब्रजेश्वरी मंदिर को तंत्र विद्या का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता था लेकिन 1905 में आए भूकंप ने इस मंदिर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था फिर बाद में इस मंदिर को दोबारा बनाया गया था। जब यह मंदिर भूकंप से नष्ट हो गया था तब इस मंदिर में करोड़ों अरबों की संपत्ति, हीरे जवाहरात सब भूकंप के मलबे के नीचे दब गए थे।

बृजेश्वरी माता मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में प्राचीन भैरव मूर्ति भी स्थापित है इसके बारे में कहा जाता है कि कोई भी दैवीय आपदा भूकंप महामारी के आने से पहले भैरवनाथ की मूर्ति की आंखों से आंसू और शरीर से पसीना निकलने लगता है जो एक अशुभ संकेत माना जाता है। माना जाता है कि मूल मंदिर महाभारत काल में पांडवों द्वारा बनाया गया था। पांडवों को देवी दुर्गा ने सपने में दर्शन दिए थे और उसके बाद पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया था। बताया जाता है कि इस मंदिर को मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बहुत बार लूटा गया था। लोग दूर-दूर से इस मंदिर में माता ब्रजेश्वरी के दर्शन करने के लिए आते हैं और इस मंदिर में बहुत भीड़ पाई जाती है।

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