रहस्यमयी झरने

उत्तराखंड का एक रहस्यमयी झरना इसकी एक बूंद शरीर पर पड़ने से ही होती है मोक्ष की प्राप्ति। पांडवों से जुड़ी है इस झरने की कहानी

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ मंदिर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह रहस्यमयी झरना इसे हम वसुधारा झरने के नाम से जानते हैं। इस झरने की यह मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर स्नान करता है उसके शरीर से संबंधी जो भी बीमारी होती है वह खत्म हो जाती है। लोग यहां पर आकर इस झरने के पानी को अपने घर में के लिए भी लेकर जाते हैं। मान्यता यह है कि अगर इस झरने की एक बूंद भी आपके शरीर पर गिर जाती है तो आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। वसुधारा झरने की कहानी महाभारत काल के पांडवों से जुड़ी हुई है।

मान्यता है कि इस झरने की बूंदे सिर्फ उसी व्यक्ति पर गिरती है जो व्यक्ति सच्चा, निर्मल और विनम्र है। वसुधारा झरने की बूंदे उस व्यक्ति को छूती भी नहीं है जिसके मन में पाप, अहंकार और लोभ होता है। वसुंधरा झरना आपको आपके सच्चे या कपटी होने का प्रमाण देता है। मान्यता यह है कि पांडव द्रोपती के साथ इसी रास्ते से स्वर्ग गए थे। महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने स्वर्ग रोहिणी की यात्रा शुरू करी थी तब वह इस झरने के पास रुके थे और 5 पांडवों में से सहदेव की मृत्यु भी इसी स्थान पर हुई थी। पुरानी कथाओं के अनुसार माना जाता है कि सहदेव को अपनी बुद्धि और ज्ञान पर बहुत ही घमंड था। सहदेव ने खुद को सबसे बेहतरीन मान लिया था इसलिए वसुंधरा झरने ने सहदेव को नहीं स्वीकारा और झरने की एक भी बंद सहदेव पर नहीं गिरी। वसुधारा झरना अपनी सुंदरता के साथ-साथ रहस्यों के लिए भी बहुत ही प्रसिद्ध माना जाता है। दुनिया भर से लोग दूर दूर से इस झरने को देखने के लिए आते है।

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