रामलोक मंदिर

हिमाचल प्रदेश के सोलन का एक ऐसा प्राचीन मंदिर जिसका नाम दर्ज है वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के अंदर

हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है और यहां पर बहुत सारे प्राचीन मंदिर स्थित। हिमाचल प्रदेश राज्य के सोलन जिले में स्थित है एक प्राचीन मंदिर जिसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है और इसे हम आज रामलोक मंदिर के नाम से जानते हैं। रामलोक मंदिर का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में इसलिए दर्ज है क्योंकि इसमें दुनिया की सबसे बड़ी अष्टधातु मूर्तियां पाई जाती है। रामलोक मंदिर परिसर के अंदर दुनिया का सबसे पहले नाग लोक मंदिर भी स्थित है। नागलोक मंदिर के अंदर नागों के 8 कुल, 26 जातियां और अन्य प्रजातियों के सांपों के साथ नाग कुल की महारानी शेषनाग माता की मूर्ति विशेष रूप से स्थापित है। कलयुग में पहली बार राम लोक मंदिर में सर्प महायज्ञ किया गया था। रामलोक मंदिर के संचालक ने बताया था कि इससे पहले ऐसा सर्प महायज्ञ द्वापर युग के दौरान हुआ था।

श्री राम लोक मंदिर की यह मानता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर सच्चे मन से अपनी इच्छा मांगता है वह जरूर पूरी होती है। रामलोक मंदिर के पास ऊंचे ऊंचे पहाड़ है और यहां का नजारा बहुत ही आकर्षक है। रामलोक मंदिर एक शांत जगह पर स्थित है इसलिए यह पूजा के लिए बहुत अच्छा स्थान है। रामलोक मंदिर में श्री राम परिवार, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, दुर्गा माता, काली माता और परशुराम जी की अष्टधातु की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में अन्य भगवानों की भी मूर्तियां स्थापित है जैसे कि शिवजी भगवान हनुमान जी कृष्ण और राधा रानी। रामलोक मंदिर का दरवाजा छोटा है ताकि हम सर झुका कर मंदिर के अंदर प्रवेश करें। रामलोक मंदिर के अंदर जो नागलोक मंदिर है वहां पर वीडियो और फोटोग्राफी करना सख्त मना है। श्री राम लोक मंदिर हिमाचल प्रदेश  प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है और यह मंदिर बहुत सुंदर है।

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