भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित है भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर जिसे हम आज काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जानते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है और यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। वाराणसी शहर को काशी भी कहा जाता है इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर को मुगलों के समय में कई बार लूटा और तोड़ा भी गया है। मुगल सम्राट अकबर ने यहां पर मंदिर बनाने की अनुमति दे दी थी परंतु उनके परपोते औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने की बहुत कोशिश की परंतु वह पहली कोशिश में सफल नहीं हो पाया उसके बाद उसने फिर से कोशिश करी और काशी विश्वनाथ मंदिर को पूरी तरह से नष्ट करके वहां पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कर दिया। वर्तमान में बने मंदिर का निर्माण इंदौर की महान रानी अहिल्या बाई होल्कर करने करवाया था। वर्तमान समय में काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ में ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है जिसके ज्ञानवापी कुएं में हिंदुओं के शिवलिंग होने के बहुत सारे सबूत भी मिले हैं परंतु मुसलमानों ने कहा है वह शिवलिंग नहीं है बल्कि एक पानी का फुहारा है।
वर्तमान समय में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बहुत वाद विवाद चल रहे हैं। मुस्लिम लोगों का कहना है यहां पर कोई हिंदू मंदिर नहीं था बल्कि पुराने समय से ही मस्जिद है जबकि हिंदुओं का कहना है कि यहां पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था जिसको तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया है। इसके बहुत सारे सबूत आज भी मस्जिद के अंदर मौजूद है जैसे की मस्जिद की पिछली दीवार मंदिर जैसी दिखती है। लोगों का कहना है की मस्जिद के तहखाना में हिंदू भगवानों की कई मूर्तियां भी मिली है। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अभी कानूनी कार्रवाई चल रही है और फैसला ना तो अभी हिंदुओं के पक्ष में आया है और ना ही मुसलमानों के पक्ष में आया है।