भगवान शिव मंदिर हिमाचल

हिमाचल में स्थित है भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर जिसकी मूर्ति बदलती है दिन में पांच बार अपनी मुख मुद्राएं आईए जानते हैं इस मंदिर के बारे में

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित है भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर जिसे हम बाबा महामृत्युंजय मंदिर के नाम से जानते हैं। बाबा महामृत्युंजय मंदिर भगवान शिव शंकर को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। हिमाचल प्रदेश का यह प्रसिद्ध मंदिर पूरी दुनिया में एक माना जाता है। यह मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि यह दुनिया का इकलौता महामृत्युंजय मंदिर है जिसमें भगवान शिव की पूजा लिंग के रूप में नहीं बल्कि एक मूर्ति के रूप में की जाती है। यहां के पंडित बताते हैं कि बाबा महामृत्युंजय अकालमृत्यु, दुर्घटना, रोग और पीड़ा आदि से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। महामृत्युंजय मंदिर में विराजमान भगवान शिव अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।

माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव की चमत्कारी प्रतिमा दिन में पांच बार अपनी मुख मुद्राएं बदलती हैं। यहां पर दर्शन करने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि हमने अपनी आंखों से भगवान शिव की प्रतिमा को अपनी मुख मुद्राएं बदलते हुए देखा है। जिसमें भगवान शिव की यह चमत्कारी प्रतिमा कभी प्रसन्न रूप में नजर आती है तो कभी क्रोध से भरी हुई। कभी भगवान की यह प्रतिमा गंभीर तो कभी माया और तेज के रूप में दिखाई देती है। माना जाता है कि भगवान शिव की यह प्रतिमा अपने भक्तों के मन को पढ़ लेती है और उसी के अनुकूल भगवान अपने भक्तों को अलग-अलग रूप में दर्शन देते हैं।

इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने से ही समाप्त हो जाता है अकाल मृत्यु का डर और दीर्घायु में बदल जाती है अल्पायु। बाबा महामृत्युंजय का मतलब है मृत्यु को जीतने वाले। सावन मास में यहां भक्तों की बहुत भीड़ पाई जाती है। भगवान शिव का यह चमत्कारी मंदिर अपने रहस्यों के लिए लोगों को बहुत आकर्षित करता है जिससे लोग दूर-दूर से यहां भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं।

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